आई पंथ बेल के ग्यारह नियम
आई पंथी कहलाएंगे और डोरा बंद कहे जाएंगे | Aaimataji Ke Beel ke igyaraha niyam
आई माताजी ने माधव को डोरे का भेद बताया और कहा कि जो इस डोरे को बंधेगा उसे किसी भी प्रकार की जीवन में कमी नहीं रहेगी धन और यश मिलेगा । इस डोरे के बिना अपने शरीर को अपवित्र समझें, यदि कभी यह टूट भी जाए तो पानी तक मत पीना और तुरंत दूसरा बांध देना । यही आई पंथ का पवित्र डोरा है इस डोरे का नाम बेल रखा । माताजी ने ग्यारह तार और 11 गांठ की इस बेल के ग्यारह नियम बताएं और हर इंसान को नियम अपने मन में अपने जीवन में धारण करने के लिए कहा।
नीति धर्म गुरु आज्ञा पालो , बांधो आईजी री बेल ।
प्रथम सूत्र झुट तजे सुख आवे , करलो जल्दी पहेल ॥
रे भक्तों बांधो ....
दूजा सूत्र तन पावन राखो , छोड़ो मांस नशा आज ।
तीसरा सूत्र दान – पुण्य अहिंसा , छोड़ो शोषण और ब्याज ।
रे भक्तों बांधो ....
चोथा सूत्र संस्कार चरित्र , छोड़ो जुआ व्यभिचार ...