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सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट लिंगराजपुरम में आईमाता के जयकारों के बीच जाजम स्थापना के साथ शुरू हुआ
कार्यक्रम

सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट लिंगराजपुरम में आईमाता के जयकारों के बीच जाजम स्थापना के साथ शुरू हुआ

सात दिवसीय आईमाता मन्दिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू बेंगलुरु / सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट, लिंराजपुरम की और से केएसएफ सी लेआउट में नवनिर्मित आईमाता मंदिर का सात दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव रविवार को शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार व आईमाता के जयकारों के बिच जाजम स्थापना के साथ शुरू हुआ। पंडितो ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जाजम स्थापना की बोली के लाभार्थी नन्दूलाल गहलोत व अमराराम काग परिवार ने समस्त कार्यकारिणी सदस्य, ट्रस्टी, बलेपेट बडेर के अध्यक्ष हेमाराम पंवार, हेब्बाल बडेर के अध्यक्ष मांगीलाल राठौड़ की उपस्थिति में जाजम की स्थापना की। धर्मगुरु दीवान माधवसिंह के जयकारों की गूंज से वातावरण गुंजायमान हो उठा। गायकों ने भजनों की प्रस्तुति दी, महिलाओं ने मंगल गीत गाए। सोमवार को सुबह 8 बजे से गणपति एवं नवग्रह पूजन,हवन प्रारंभ होगा। हवन अनुष्ठान 15 फरवरी तक प्रतिदिन सुबह 8 बजे से सायं ...
सामाजिक सरोकार की मिसाल बन रहा सोशल मीडिया श्री आईजी सीरवी राष्ट्रीय सेवा समिति
समाचार

सामाजिक सरोकार की मिसाल बन रहा सोशल मीडिया श्री आईजी सीरवी राष्ट्रीय सेवा समिति

राजस्थान । सीरवी समाज के युवाओं की और से सोशल मीडिया के जरिए सामाजिक सरोकार की भूमिका निभाई जा रही है। जो औरों के लिए भी प्रेरणास्पद है जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर बनाए गए श्री आईजी सीरवी राष्ट्रीय सेवा समिति वाट्सएप गु्रप ने पिछले एक साल में गरीब परिवार एवं विद्यार्थियों के लिए एक लाख से ज्यादा की आर्थिक सहायता देकर एक मिसाल कायम की है इस ग्रुप में अलग-अलग राज्य एवं क्षेत्रों से जुड़े युवाओं के सहयोग से कई जरूरतमंदों को सहायता मिली है। इस तरह लोगों की मदद कर रहा ग्रुप॥ जानकारी के अनुसार सीरवी समाज के युवाओं नें 18 जनवरी 2017 को वाट्सएप पर बनाया गया श्री आईजी सीरवी राष्ट्रीय सेवा समिति नाम के ग्रुप अब क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बन गया है दिनांक 9 सित्मबर 2017 को संतोष जी सीरवी, बिलाडा के पास जेतिवास जैलवा गाँव मे निवास करती है। उनके चार बच्चे है जो छोटे है बहन संतोष जी विधवा अपं...
भावभरा हार्दिक आमंत्रण
कार्यक्रम

भावभरा हार्दिक आमंत्रण

आगामी महीनों में राजस्थान, कर्नाटक व महाराष्ट्र की तपोभूमि पर श्री आईमाताजी की मूर्ति व पाट स्थापना नूतन मंदिर (बडेर) की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर श्री आईमाताजी का धर्मरथ भेल का भव्य आगमन होगा। प्राण प्रतिष्ठा आई-पंथ के धर्म गुरु दीवान श्री माधवसिंह जी के पावन सानिध्य में आयोजित होने जा रही है:- 1) लिंगराजपुरम (बेंगलुरु) 17.02.2018 2) भोजापुर (पुणे) 21.02.2018 3) खेतावास (पाली) 28.04.2018 4) जेलवा (बिलाड़ा) 06.05.2018 5) खारची (मारवाड़) 07.05.2018 6) रामपुरा-जोजावर (मारवाड़) 10.05.2018 7) राजादण्ड (जैतारण) 12.05.2018 प्रेषक :- सीरवी समाज डॉट कॉम मैसूरु के प्रतिनिधि *मनोहर सीरवी राठौड़* संपर्क 9964119041...
देवनगरी नारलाई मैं आगमन
आईमाता जी की जीवनी

देवनगरी नारलाई मैं आगमन

बीकाजी तथा उनकी धर्मपत्नी के निर्वाण के पश्चात्‌ जग कल्याण हेतु समय के अनुसार एक बैल व कुछ धार्मिक पुस्तकें लेकर साध्वी के रुप में अम्बापुर से उतर की ओर रवाना हुई । जगह जगह पर एकांत स्थानों पर तपस्या करते हुए जीजी मेवाड़ राज्य की तथा (वर्तमान में पाली जिले में देसूरी तहसील में) देवनगरी नारलाई पधारी । देवनगरी नारलाई उस समय नाडूलाई अथवा नारदपुरी के नाम से प्रसिद्द थी । इस नगर से 10 किलोमीटर उतर – पश्चिम में नाडोल नगर चौहान राजवंश की राजस्थानी के रुप में विख्यात रहा है । देवनगरी नारलाई सिद्द- संतो की नगरी थी । इस नगर में ऐसे कई तांत्रिक , सिद्द तथा योगी थी जो केवल हठ के लिए दूसरे स्थानों से मन्दिर उड़ाकर लाते थे । जिसमें एक तपेश्वर महादेव का मन्दिंर है तथा दूसरा आदिनाथ भगवान (बीस देवता) का मन्दिर है । इस नगर में गोरखनाथ की तपस्या स्थली का मन्दिर भी विधमान है । इस देवनगरी में सभी धर्मों तथा जाति...
सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट अड़कमारनहल्ली की नई कार्यकारिणी का गठन काग अध्यक्ष, पंवार कोषाध्यक्ष नियुक्त
समाचार

सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट अड़कमारनहल्ली की नई कार्यकारिणी का गठन काग अध्यक्ष, पंवार कोषाध्यक्ष नियुक्त

बेंगलुरु/ सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट अड़कमारनहल्ली की नवगठित कार्यकारिणी का चुनाव श्री आई माता बडेर में सम्पन्न हुआ, सर्वप्रथम श्री आईमाता की स्तुति, पूजा-अर्चना तथा मंगल आरती हुई। चुनाव की प्रक्रिया सदस्यों की आम सहमिति से पूरी हुई। रामलाल काग को अध्यक्ष, चन्द्रप्रकाश सोलंकी उपाध्यक्ष, नारायणलाल पंवार कोषाध्यक्ष, नेमाराम पंवार सह सचिव एवं जयराम काग को सह कोषाध्यक्ष का पदभार सौंपा गया। नवनियुक्त अध्यक्ष रामलाल काग ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नई कार्यकारिणी समाज को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। पंवार ने समाज के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कार्यकारिणी सबके सहयोग व् मार्गदर्शन से समाज का चहुँमुखी विकाश करने के साथ ही समाज की एकता को मजबूती प्रदान करेगी।। बेंगलुरू सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट अड़कमारनहल्ली की नवगठित कार्यकारिणी को - *सीरवी मिडिया...
किंजल दवे के साथ पीहू पवार ने दी भजनों की प्रस्तुति
कार्यक्रम

किंजल दवे के साथ पीहू पवार ने दी भजनों की प्रस्तुति

मध्यप्रदेश/गंधवानी/ श्री आई माताजी मंदिर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव बोरुद में गुजरात की सुप्रसिद्ध गायिका किंजल दवे ने भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों का मन मोह लिया किंजल दवे नए चार चार बंगड़ी वाली गाड़ी लाई दू पर आई माताजी के भजनों पर देर रात तक कार्यक्रम चला साथ ही गंधवानी की गायिका पीहू पवार ने मां तू कितनी भोली है तू कितनी सच्ची है भजनों की प्रस्तुति दी। किंजल दवे ने पीहू पवार का भजन सुनने के बाद मंच से कहा कि ऐसे ही मंच से में भी बड़े मंचों पर पहुँची हु । में आपके पिताजी का समान करती हूं। और ऐसेही बालक बालिकाएं समाज से उभरकर अपने माता पिता का व समाज का नाम बढ़ाए। पीहू पवार का सम्मान मंच पर ग्राम बोरुद के सकल पंच द्वारा किया गया।...
जीजी के स्थान पर साक्षात्‌ मां जगदम्बा के विकराल तथा विराट रुप के दर्शन
आईमाता जी की जीवनी

जीजी के स्थान पर साक्षात्‌ मां जगदम्बा के विकराल तथा विराट रुप के दर्शन

जब जीजी ने बचपन की ड्यौढी पार कर यौवन के पथ पर कदम रखा जब जीजी ने बचपन की ड्यौढी पार कर यौवन के पथ पर कदम रखा तो उनकी अलौकिक सुन्दरता की चर्चाएं चौपालों पर होते-होते अन्ततोगत्वा मांडु के तत्कालीन सुल्तान मोहम्मद खिलजी जो कि शेरशाह शूरी का समकालीन था‘ के कानों तक पहुंचती। खिलजी जीजी की सुन्दरता की चर्चा सुनकर मन ही मन जीजी पर आसक्त हो गया। विदेशी शासकों, मुगलों, देशी राजाओं, ठाकुरों तथा सक्षम व्यक्तियों का स्त्री-सुन्दरता पर मोहित होना उस समय आम बात तथा युद्ध का कारण होती थी। महमूद खिलजी ने बीकाजी डाबी को दरबार-ए-खास में बुलाकर जीजी का हाथ स्वयं के लिए मांगा। बीकाजी ने अपनी पुत्री को सामान्य स्त्री न मानते हुए धर्म संकट में पड़कर अनमने मन तथा दबाव में हामी भर दी। कहते है कि सच्चे तथा सत् जनों के घर दुःख का तांता लगा ही रहता है। बीकाजी के वर्षो से प्रशिक्षित तथा अनुभवी धैर्य ने उस संकट की घड़...
महाशिवरात्रि पर आईमाता मंदिर में होगी भजन संध्या
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महाशिवरात्रि पर आईमाता मंदिर में होगी भजन संध्या

मैसूरु / शहर के केआरएस रोड़ स्थित आईमाता मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि पर्व पर 12 फरवरी सोमवार को रात्रि में भजन संध्या का आयोजन होगा। श्री आईजी सीरवी सेवा संघ के अध्यक्ष तिलोकराम परिहार ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भजन संध्या का आयोजन होगा। इसमें भजन गायक एंड पार्टी की ओर से सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। यह जानकारी श्री आईजी सीरवी सेवा संघ के सचिव रूपाराम राठौड़ ने दी प्रेषक :- सीरवी समाज डॉट कॉम मैसूरु के प्रतिनिधि *मनोहर सीरवी राठौड़* संपर्क 9964119041...
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सीरवी सेवा संघ कनकपुरा ट्रस्ट नेटगेर गेट नवीन कार्यकारिणी का गठन

कर्नाटक । सीरवी सेवा संघ कनकपुरा ट्रस्ट नेटगेर गेट की आम सभा में नवीन कार्यकारिणी का गठन दिनांक 2 फरवरी 2018 को श्री देवारामजी हाम्बड़ के गृह निवास पर यह बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें समाज बंन्धुओं ने सर्वप्रथम श्रीमान् श्री जगदीश जी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा,जिसमें मौजूद समाजबंधुओं ने सर्वसहमति से जगदीश जी को अध्यक्ष नियुक्ति किया गया। नई कार्यकारिणी में चुने गये पदाधिकारियों व् कार्यकारिणी सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं :- अध्यक्ष - श्री जगदीश जी हाम्बड़ सचिव - श्री हीरालाल जी गहलोत उपाध्यक्ष - श्री मंगलजी बर्फा कोषाध्यक्ष - श्री मांगीलाल जी भायल सहसचिव - धर्मारामजी सह कोषाध्यक्ष - खुमाराम जी नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री जगदीश जी एवं सचिव हीरालालजी ने समाज के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कार्यकारिणी सबके सहयोग व् मार्गदर्शन से समाज का चहुँमुखी विकास करने के साथ ही...
श्री आईजी का जन्म
आईमाता जी की जीवनी, राजनेतिक

श्री आईजी का जन्म

पौराणिक साहित्य के अनुसार द्रौपदी, सीता, हनुमान आदि का जन्म भी कोख से नहीं हुआ बताया जाता है। किवदन्तियों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि श्री आईजी का जन्म कोख से नहीं हुआ है। पौराणिक साहित्य के अनुसार द्रौपदी, सीता, हनुमान आदि का जन्म भी कोख से नहीं हुआ बताया जाता है। अतः यद्यपि वैज्ञानिकता के आधार पर ऐसा होना नामुमकिन है परन्तु कई बार प्रकृति की अलौकिकता में ऐसा होना संभव भी हो सकता है। प्राणियों में क्लोन की प्रक्रिया सफल होने योग्य नहीं है परन्तु विज्ञान की प्रकृति के चमत्कार की पराकाष्ठा तो है ही। कबीर तथा दादू जो कि भक्ति साहितय तथा आध्यात्मिकता के अवतार थे, भी फूलों में मिले थे। अलौकिकता के रंग में रंगे श्री आई जी बचपन से ही जीजी नाम से विख्यात होते गए। जीजी का सामान्य अर्थ बहिन है जिसे कोई भी व्यक्ति आदर तथा वात्सल्य से पुकार सकता था। जीजी को दैहिक ओज अत्यन्त आकर्षक तथा सुन्दर था। सं...