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“सीरवी समाज परगना समिति बिलाड़ा बैंगलोर” ने चार स्कूलो व एक छात्रावास मे कुल 5 आरओ वॉटर सिस्टम व कूलर किये भेटः-
समाचार

“सीरवी समाज परगना समिति बिलाड़ा बैंगलोर” ने चार स्कूलो व एक छात्रावास मे कुल 5 आरओ वॉटर सिस्टम व कूलर किये भेटः-

दिनांक 05.05.2018 को हमारे समाज की प्रवासी समित “सीरवी परगना समिति बिलाड़ा बैंगलोर” की तरफ से जोधपुर के बिलाड़ा परगना क्षेत्र (अपनी मातृभुमि) मे कुल 5 आरओ वॉटर सिस्टम व कूलर भेट किये है।समिति के अध्यक्ष महोदय ने बताया कि बच्चो के शारीरिक व बौद्धिक विकास के लिए शुध्द जल पीना आवश्यक है। बिलाड़ा एवं आस-पास के क्षेत्रो मे कई दशको से पीने हेतु खारा पानी (स्थानीय भूजल) ही उपयोग मे जा रहा है जिसमे फ्लोराईड की मात्रा अधिक होने से व्यक्ति का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास पूर्ण रुप से विकसित नही होता है। बिलाड़ा परगना क्षेत्र के भूजल मे फ्लोराइड की मात्रा बहुत अधिक है तथा वर्तमान मे दांतीवाड़ा प्रोजेक्ट द्वारा की जा रही जलापूर्ती पर्याप्त नही होने से जलदाय विभाग द्वारा आस-पास के नलकूपो के खारे पानी को मिक्स करके जलापूर्ती की जा रही है जो पानी आरओ सिस्टम द्वारा फिल्टर करना जरुरी है। अतः फ्लोराईड एव...
जीवण (जाणोजी राठौड़) सीरवी के घर आगमन
आईमाता जी की जीवनी

जीवण (जाणोजी राठौड़) सीरवी के घर आगमन

श्री आईजी बिलाड़ा में ऐसे व्यक्ति के घर पधारीं जिसके भौतिक संसार में भयंकर तूफान मचा हुआ था । केवल ईश्वर भजन उस व्यक्ति को व उसकी धर्मपत्नी को जिन्दा रखे हुए था। उस व्यक्ति का नाम था जीवण (जाणोजी राठौड़) सीरवी। जीवन सीरवी बहुत दरिद्र और दुखी थे। उनके दुख की पराकाष्ठा तब पार कर गई जब उनके बुढ़ापे का एक मात्र सहारा इकलौता पुत्र बचपन में ही खो गया था। वे उसको खोजते – खोजते बूढ़े व निराश हो गए थे। ऐसे दुखियारे के घर के भाग्य द्दार उस समय खुले जब श्री आईजी उनके घर के दरवाजे के सामने जाकर ‘माधो की मां बाहर आ’ ऐसी आवाज दी। माधो जीवन राठौड़ का खोया पुत्र था। इस संसार में मां की ममता का वर्णन करना कठिन है परन्तु ऐसी मां की ममता का वर्णन करना लगभग असंभव है । जिसका पुत्र वर्षों पूर्व खो गया हो तथा वह उसे पाने के लिए पागल हो। श्री आईजी के दर्शन पाकर जीवण तथा उनका पत्नी ने आदर के साथ उसको घर ले गए। संतो व स...
श्री आईमाता बढैर भवन मे दिनांक 22.3.2018 को सम्पन्न हुई जिसमे सर्व सम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया है
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श्री आईमाता बढैर भवन मे दिनांक 22.3.2018 को सम्पन्न हुई जिसमे सर्व सम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया है

श्री सीरवी समाज ट्रस्ट अनकापूतुर(चैनई) की आम मिटिंग स्थानीय श्री आईमाता बढैर भवन मे दिनांक 22.3.2018 को सम्पन्न हुई जिसमे सर्व सम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया है और समाज मे व्याप्त कुरितियो को खत्म करने व एकता को बल देने पर विचार विमर्श हुआ नई गठित कार्यकारिणी जो इस प्रकार है संरक्षक सदस्य 1- श्री मांगीलालजी राठौड(गिरी खेडा) 2- श्री मोहनलालजी राठौड(बिलाडा) 3--श्री गुमनारामजी परिहारिया(रामपुरा कला) 4- श्री भँवरलालजी(रायपुर) 5-श्री ढगलारामजी मुख्य कार्यकारिणी अध्यक्ष श्री बगदारामजी काग(लिलाम्बा) उपाध्यक्ष श्री डुँगारामजी सैणचा(पीपलिया कला) 2- श्री छोटुरामजी राठौड (बिलाडा) सचिव श्री सोहनलालजी परिहार (दोरनडी) सहसचिव श्री रतनलालजी सेपटा कोषाध्यक्ष श्री रामलालजी पंवार(बोयल) सहकोषाध्यक्ष श्री नारायण काग(निम्बेडा कला) सलाहकार सदस्य 1 श्री मोहनलालजी परिहारिया(रामपुरा) 2 श्री जीयारामजी पंवार 3 ...
बिलाड़ा धाम मैं आगमन
आईमाता जी की जीवनी

बिलाड़ा धाम मैं आगमन

श्री आईजी बीला हाम्बड़ के घमण्ड को चूर कर बिलाड़ा पधारी। बिठुडा पीरान के वर्तमान पीरोंसा के पास उपलब्ध एक प्राचीन बही के अनुसार बिलाड़ा के पास बिलपुर नामक स्थान था । कालान्तर में बिलपुर तथा बिलाड़ा एक हो गए परन्तु बिलाड़ा नाम ही प्रचलन में रहा । राम द्दारा जिस द्रमकुल्य सागर को बाण (आग्नेयास्त्र) द्दारा सूखाकर मरुभूमि बनाने का वर्णन रामायण में है , वह स्थान जोधपुर के निकट बिलाड़ा धाम है तथा भगवान राम का बाणगंगा के कुण्ड में गिरा था। आई माताजी के बारे में और पढ़ें - click here ...
आई माता मेला : सत्य के मार्ग पर चलने वाला जीवन में कभी असफल नहीं होता : दीवान
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आई माता मेला : सत्य के मार्ग पर चलने वाला जीवन में कभी असफल नहीं होता : दीवान

भास्कर न्यूज । बिलाड़ा आईमाता मंदिर व रोहिताश्व मंदिर में दीवान ने की पूजा व धर्मसभा को किया संबोधित बिलाड़ा. आईमाता मेले में सोमवार को मानो शहर के अधिकांश लोग स्टेडियम पहुंच गए। बच्चों ने यहां लगे झूलों का आनंद उठाया। महिलाओं ने यहां बाजार में खरीदारी की। आईमाता मेला सोमवार को भरा गया। केशर ज्योति के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से श्रद्वालु पहुंचे। श्रद्घालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ा। मेले के अवसर पर आई पंथ के धर्मगुरु दीवान माधवसिंह ने शाही वस्त्राभूषण में पहले रोहिताश्व मंदिर रनिया बेरा और उसके बाद मुख्य आईमाता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की। आशीष कार्यक्रम के बाद भक्तों के दर्शनार्थ मंदिर खोला गया। बाद में दीवान में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सत्य के मार्ग पर चलने वाला इंसान जीवन में कभी असफल नहीं होता है। दीवान ने कहा कि जीवन में कैसी भी, कितनी भी मुसीबतें आए तो घबराना नह...
चेत्र बीज उत्सव का धूमधाम से हुआ आयोजन
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चेत्र बीज उत्सव का धूमधाम से हुआ आयोजन

बिलाड़ा, 19 मार्च सीरवी नवयुवक मंडल बढेर और ग्राम इकाई बिलाड़ा के नेतृत्व में श्री आई माताजी के बेल का बधावणा उत्साह पूर्वक किया गया। बिलाडा में चेत्र सुदी बीज के उपलक्ष्य में शोभायात्रा में बिलाड़ा, भावी, अटबड़ा, पिचियाक, जेलवा समेत आस पास क अनेकों गांवों से आये नृतको ने ढोल एवं थाली की थाप पर राजस्थान का पारंपरिक गैर नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को एक नई ऊर्जा प्रदान की। शोभायात्रा की शुरुआत आई माताजी के मंदिर प्रांगण से की गई। गैर नृतको के पीछे नवयुवको, युवतियों, बालक बालिकाओं और महिलाओं ने पूरे रास्ते डीजे पर माताजी के सुंदर भजनों पर जोश के साथ नाचते हुए चल रहे थे। इनके पीछे नवयुवक मंडल बढेर की तरफ से परम्परागत जहाज के आकार की सुसज्जित झांकी चल रही थी जिसके चालक तारू सिंह परिहार परम्परागत वेशभूषा में मौजूद थे। नवयुवक मण्डल ग्राम इकाई की तरफ से जीवित झांकी द्वारा श्री आईमाता जी द्वारा मुगल बादशा...
स्टेट लेवल डांस प्रतियोगिता के विजेता हुए सम्मानित
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स्टेट लेवल डांस प्रतियोगिता के विजेता हुए सम्मानित

पूजा सीरवी सुपुत्री श्री तुलसारामजी गहलोत श्री रामपुरा मैसूरु ने कलाधारे कल्चरल ट्रस्ट- मास्टर एन ब्लास्टर डांस ग्रुप में भाग लेते हुए कर्नाटक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के वरिष्ठ युगल नृत्य श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है और जूनियर एकल नृत्य और समूह नृत्य में तीसरा पुरस्कार एनवीएस क्रिएशन द्वारा आयोजित स्टेस्ट-स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में वर्गीकृत किया गया है और सीनियर डॉट्स में दूसरे प्राईज नृत्य श्रेणी और शिवम नृत्य अकादमी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में जूनियर समूह नृत्य श्रेणी में तीसरा पुरस्कार। स्वामी और अनन्या - कलाधारे सांस्कृतिक विश्वास के साथ देखा जाता है - मास्टर एन ब्लास्टर नृत्य समूह नृत्य निर्देशक चामराज अध्यक्ष चंद्रमा।...
बीला हाम्बड़ के घमण्ड को चूर किया
आईमाता जी की जीवनी

बीला हाम्बड़ के घमण्ड को चूर किया

जीजी पाल से जीजी नगाजी हांबड़ की ढ़ाणी पधारी । नगाजी हांबड़ का ज्येष्ठ पुत्र बिला बहुत अत्याचारी सूदखोर , क्रुर तथा नास्तिक था। ढ़ाणी के निवासी उससे बहुत परेशान थे । वे बीला को ईश्वर से सजा मिले ऐसा सोचा  करते थे क्योकिं जो व्यक्ति अत्याचार सहता है परन्तु न्याय नहीं पा सकता ,वह न्याय की गुहार के लिए ईश्वर के विधान में ही विश्वास करता है। बीला हांबड़ के पापों व अत्याचारों का घड़ा भर चुका था अत: श्री आईजी उसके घर गए व रात्रि विश्राम हेतु स्वीकृति मांगने लगे। धन तथा बड़पप्न में अन्धे बीला हांबड़ ने श्री आईजी का घोर अपमान किया। बीला हांबड़ द्दारा किए गए अनुचित अपमान को सहते हुए श्री आईजी ने उसके कर्मों का फल भुगतने का अभिशाप दिया। श्री आईजी के शाप के फलस्वतुप बीला हांबड़ के धन – दौलत, पुत्र, बहुएं, गायै, वैभव तथा फला – फूला ताश के पतों की तरह बिखर गया। संतों व साध्वियों के अपमान का फल अत्यन्त कष्टकारी ह...
राजस्थानी समुदाय महिलायों ने माँ शीतला को लगाया शीतल पकवानों का भोग
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राजस्थानी समुदाय महिलायों ने माँ शीतला को लगाया शीतल पकवानों का भोग

राजस्थानी समुदाय महिलायों ने माँ शीतला को लगाया शीतल पकवानों का भोग परिवार की सुख-शांति और स्वस्थ जीवन की कामना को लेकर जगह-जगह प्रवासी राजस्थानी महिलाओं ने गुरुवार को प्रातः मन्दिर परिसरों में शीतला माता की पूजा-अर्चना की। शहर के अनेक हिस्सों में प्रवासरत राजस्थानी परिवारों की महिलाएं सज-धज कर पूजा की थाली के साथ मंदिरों में पहुंची। बुधवार शाम को बनाए व्यंजनों का शीतला माता को भोग लगाया तथा विशेष पूजा-अर्चना की। गुरूवार को घरों में चूल्हे नहीं जलाए गए। घर में सभी ने बुधवार को बनाए गए व्यंजन खाकर आनंद लिया। भेटत पूरा गाँव में प्रवासी राजस्थानी महिलाओं ने बुधवार सुबह गाँव के स्थित बिसलुमारम्मा मंदिर के परिसर में रंगपंचमी से अष्टमी के दिन मनाया जाने वाला लोक पूर्व शीतला रंगपंचमी को श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ मनाई गई। राजस्थान के विभिन्न समुदाय की महिलाएं राजस्थानी परिवेश में सज-धजकर माँ शी...
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होली मिलन में हुआ संतों का सत्संग, खेली फूलों की होली

दक्षिण भारत न्यूज नेटवर्क मैसूरु। यहां के चिक्कहल्ली स्थित मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा संचालित मां राजेश्वरी आश्रम में रविवार को गुरुदेव श्रीसतपालजी महाराज की शिष्या साध्वीश्री सत्यभामाजी व अमलताजी के सान्निध्य में प्रथम होलीस्नेह मिलन का आयोजन किया गया। गुरुदेव के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। नारायणलाल चोयल एवं पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुत दी गई। भजनों के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साध्वियों ने कहा कि भगवान से प्रेम करने के लिए हमें मनुष्य जन्म मिला है। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी भी किसी व्यक्ति का दिल नहीं तो़डना चाहिए अपितु उसे हमेशा सहयोग देना चाहिए। साध्वियों ने अनेक दृष्टांतों के माध्यम से धर्म का प्रचार किया। इस मौके पर बेंगलूरु के वीरमराम सोलंकी ने अपने विचार व्यक्त किए। बसवराज ने कन्ऩड भाषा में आश्रम के निर्माण यात्रा के ब...