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बिलाड़ा द्विमासिक संगीतमय राम कथा का शुभारंभ सोमवार को जैतीवास रोड स्थित हनुमान मंदिर बगेची में हुआ। इससे पूर्व नगर के मुख्य मार्गों से कलश यात्रा निकाली गई। कथा शुभारंभ के दौरान रामस्नेही संत गोविंदराम महाराज ने कहा कि इंसान को अपना जीवन सफल बनाना है तो गुरु का होना अनिवार्य है। इंसान के जीवन में गुरु की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है, गुरु महाराज के चरण कमलों की रज वंदना से संपूर्ण भव रोगों का नाश हो जाता है। गुरु के चरण कमलों की ज्योति मणियों के प्रकाश के समान है, जिनके स्मरण करने मात्र से ही ह्रदय में दिव्य दृष्टि उत्पन्न हो होती है और अज्ञान रूपी अंधकार का नाश हो जाता है। संत ने चातुर्मास सत्संग के प्रथम दिन रामचरितमानस की चौपाइयों और सोरठों का संगीतमय गायन व वाचन करते हुए मंगलाचरण कर राम कथा में समस्त देवी देवताओं का आह्वान किया एवं संसार के समस्त चराचर जीवों को प्रणाम वंदन किया। इससे पूर्व चातुर्मास सेवा समिति की ओर से कथा शुभारंभ के अवसर पर कलश यात्रा निकाल कर गाजों बाजों के साथ संतों का बधावणा किया। कलश यात्रा आई माता मंदिर से शुरू होकर नगर मुख्य मार्गो से होती हुई कथा स्थल हनुमान मंदिर पहुंची, तत्पश्चात वृंदावन के संत माणिकराम महाराज के सान्निध्य में व्यासपीठ व रामायण पौथी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर रामचंद्र भायल, मोहनलाल करोलिया, हनुमान भायल, पुरुषोत्तम चौहान, चंद्रप्रकाश काग, मनोहरलाल बामणिया, नारायणलाल मालवीय, रमेश पटेल, जयराम मुलेवा, मल्लाराम पटेल, भंवरलाल चोयल, शिंभूसिंह हांबड़, भंवरलाल सीरवी, पुजारी देवीदास वैष्णव, उगमाराम देवासी आदि मौजूद थे। |