श्री आईजी बीला हाम्बड़ के घमण्ड को चूर कर बिलाड़ा पधारी।
बिठुडा पीरान के वर्तमान पीरोंसा के पास उपलब्ध एक प्राचीन बही के अनुसार बिलाड़ा के पास बिलपुर नामक स्थान था । कालान्तर में बिलपुर तथा बिलाड़ा एक हो गए परन्तु बिलाड़ा नाम ही प्रचलन में रहा । राम द्दारा जिस द्रमकुल्य सागर को बाण (आग्नेयास्त्र) द्दारा सूखाकर मरुभूमि बनाने का वर्णन रामायण में है , वह स्थान जोधपुर के निकट बिलाड़ा धाम है तथा भगवान राम का बाणगंगा के कुण्ड में गिरा था।
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